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Showing posts from March, 2023

The highest statue of Lord Buddha in the world

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  The highest statue of Lord Buddha in the world is currently the Spring Temple Buddha statue in China. The Spring Temple Buddha statue stands at a height of 153 meters (502 feet) and is located in the Henan province of China. It was completed in 2008 and is made of copper and steel. The statue depicts Vairocana Buddha and is a major pilgrimage destination for Buddhists from around the world.

रमाई बोले ती, बोल इंदू एकदा | ramai Song

 जीव घेण्या यातनांना साहू मी कशी जाताना बाळा तुला पाहू मी कशी या काळाने केला मजवर पुन्हा घात ..... होती ग यातना, मला ग वेदना रमाई बोले ती, बोल इंदू एकदा होती ग यातना, मला ग वेदना रमाई बोले ती, बोल इंदू एकदा बळा तुझे गेले बाबा, परदेशी आणि आली संकटे ही एकामागे एक ग मिटवू नकोस डोळे, रडूनी रमाई बोले डोळे इंदू एकदा तू खोल ग तोडूनी काळजा, घोटूनी आसवा रमाई बोले ती, बोल इंदू एकदा होती ग यातना, मला ग वेदना रमाई बोले ती, बोल इंदू एकदा भीमसैनिकांनो आता, आठवा त्या यातनांना तुम्हासाठी साहिले रमाईने  कोटी कोटी लेकरांच्या, साठी स्वतःला इथे संपताना पाहिले रमाईने करितो विनंती हा, प्रणय भाऊ रे पुन्हा रमाई बोले ती, बोल इंदू एकदा होती ग यातना, मला ग वेदना रमाई बोले ती, बोल इंदू एकदा
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  जशी काय सोन्याची सकाळ व अशी रमाई माही माय व ...... रमाई गोरी गोरी पान व भिमाची सोन्याची खान व दीपवल तीन हे अभाय व अशी रमाई माही माय व ..... सोडवण्या संसाराची कोडी भरलेली संसाराची गाडी ओढली गाडी ती ओढाय व  अशी रमाई माही माय व ..... तीन आम्हाले माया लावली उन्हात झाली मोठी सावली नवा कोटी वासरांची गाय व अशी रमाई माही माय व ..... बंद्यायले आधी जेऊ घातल सर काही उरल नाही त्यातलं तशीच भुकेने झोपी जाय व अशी रमाई माही माय व ...... प्रताप सिंगान हे मानलं भिमाचं दुःख तीन जाणंल भिमाच्या दुःखाचा उपाय व अशी रमाई माही माय व ......

पढ़े लिखों ने धोखा दिया है | इसलिए आज मैं रो रहा हूं

 मेरा दुखड़ा किसे मैं सुनाऊं  लडते लडते भि दुखी हो रहा हूं  पढ़े लिखों ने धोखा दिया है  इसलिए आज मैं रो रहा हूं  घर की खुशियां भी मुकर गई पहले बच्चे फिर रामू मर गई पहले बच्चे फिर रामू मर गई......... क्या मिला मुझे बलिदान देकर इस वजह से ना मै सो रहा हूं पढ़े लिखों ने धोखा दिया है  इसलिए आज मैं रो रहा हूं  हिस्सा ऊंचाई का सवर्णों को क्यों दाग अछूती का हम पर ही क्यों दाग अछूती का हम पर ही क्यों........ हम भी इंसा हैं जानवर नहीं अछूती का मैं दाग धो रहा हूं पढ़े लिखों ने धोखा दिया है  इसलिए आज मैं रो रहा हूं  कौम मेरी जी जान से पढ़े  चाहता हूं वो आगे बढेे चाहता हूं वो आगे बढेे.......... शेर के बच्चे शेर ही रहे यह अधिकार मैं दे रहा हूं पढ़े लिखों ने धोखा दिया है  इसलिए आज मैं रो रहा हूं  सविधान से ये भारत चले राहुल जैसे को सब कुछ मिले राहुल जैसे को सब कुछ मिले.......... इस कलम के जरिए मैं अपने  न्याय समता के बीज बो रहा हूं पढ़े लिखों ने धोखा दिया है  इसलिए आज मैं रो रहा हूं 

भारत का संविधान है | Bharat ka savidhan hain |

गीत : भारत का संविधान है सौजन्य : सुशील जोगेकर स्वतंत्रता को बल देता है  समता न्याय का फल देता हैँ  स्वतंत्रता को बल देता है  समता न्याय का फल देता हैँ  जिसकी बदौलत भारत देश को मिला यहा सम्मान है  भारत का संविधान है भारत का संविधान है भारत का संविधान है भारत का संविधान है स्वतंत्रता को बल देता है  समता न्याय का फल देता हैँ  जिसकी बदौलत भारत देश को मिला यहा सम्मान है  भारत का संविधान है भारत का संविधान है भारत का संविधान है भारत का संविधान है ====¶ संगीत ¶==== ¶ सौजन्य : सुशील जोगेकर ¶ जो भी यहां पैदा होता है भारत मां का लाल है सविधान में इन बातों का रखा देखो खयाल है - 2 कोई मरे ना भूख प्यास से इसका प्रावधान है भारत का संविधान है भारत का संविधान है भारत का संविधान है भारत का संविधान है ====¶ संगीत ¶==== ¶ सौजन्य : सुशील जोगेकर ¶ शिक्षा मिले यहां सब बच्चों को यह उनका अधिकार है मूलभूत अधिकारों का भी संविधान हीं आधार हैँ - 2 जात धर्म का भेद नहीं है सबको न्याय समान है भारत का संविधान है भारत का संविधान है भारत का संविधान है भारत का संविधान है ====¶ संगीत ¶==== ¶ सौजन्य : सुशील जोगेकर ¶ इसके

करुया वंदना भीमाला ,भीमाला । Karuya Vandana Bhimala | #bhimgeet

माणूस करुण गेला तु या मानवाला  करुया वंदना भीमाला ,भीमाला करुया वंदना भीमाला माणूस करुण गेला तु या मानवाला -२ करुया वंदना भीमाला ,भीमाला करुया वंदना भीमाला...................... ---------------------------------------0 महुचा तारा लख़लख़नारा माय पित्याचा दीधला उभारा  पूजनेको तो पाव बहुत , मगर गौतम जैसे पाव नहीं  दुनिया मे तो गाँव बहुत हैँ , मगर महु के जैसा गाँव नहीं  महुचा तारा लख़लख़नारा माय पित्याचा दीधला उभारा  चिंता जनाची तु करणारा कोटी जनाचा तूच किनारा माय पित्याच्या परी पुसले आसवाला -२ करुया वंदना भीमाला ,भीमाला........ ------------------------------------------- निसर्गाची ती दान मिळाली भारत भु ला खान मिळाली विद्ववत्ता ती बहाल मिळाली लिहिली घटना जान मिळाली मजबूत करुण गेला तो भारताला -२ करुया वंदना भीमाला ,भीमाला............... ------------------------------------------ नागपुराचे स्थान मिळाले  तथागताचे ध्यान मिळाले हा जख्मी देह ............. नागपुराचे स्थान मिळाले  तथागताचे ध्यान मिळाले नीळे नीळे ते निशान मिळाले  दारी पिम्पळाचे पान मिळाले अर्थ आला या सुशिल जीवनाला करुया वंदना भीमाला ,भ

Who is Ramabai Ambedkar | रमाबाई अम्बेडकर कौन थे

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  रमाबाई अम्बेडकर डॉ. भीमराव अम्बेडकर की पत्नी थीं। वह एक समाज सुधार विद्वान और एक महिला अधिकार वकील भी थीं। रामाबाई जी ने अपने जीवन के दौरान महिला शिक्षा, महिला उत्थान और महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई। रमाबाई जी ने भारतीय समाज में महिलाओं के शिक्षा को प्रोत्साहित किया और अपने जीवन के अंतिम दिनों तक महिलाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए लड़ाई लड़ती रहीं। उन्होंने अपने जीवन के दौरान एक शिक्षा संस्थान भी स्थापित किया, जो महिलाओं के लिए था। रमाबाई जी ने अपनी जीवन में भीमराव अम्बेडकर के साथ कई समाज सुधार कार्यों में भी हिस्सा लिया था। वे एक ऐसी महिला थीं जिन्होंने अपनी लड़ाई से महिलाओं के अधिकारों को समझदारी से संघर्ष के माध्यम से हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

सावित्री बाई फुले कौन थे और उनकी भूमिका क्या थी । savitri bai fule koun thi | who is savitri bai fule

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  सावित्री बाई फुले महाराष्ट्र, भारत की समाज सुधार विद्वान और सामाजिक कार्यकर्ता थीं। वह महात्मा ज्योतिराव फुले की पत्नी थीं और साथ ही सामाजिक उपदेशक के रूप में भी जानी जाती थीं। सावित्री बाई फुले ने भारतीय समाज में महिलाओं के उत्थान और समानता के लिए कई पहल की थीं। उन्होंने महिलाओं के शिक्षा को प्रोत्साहित किया और एक शिक्षा संस्थान खोला, जिसका नाम है 'हिंदूस्तानी लादीज फर्स्ट गर्ल्स स्कूल'। इसके अलावा उन्होंने विधवाओं और असहाय महिलाओं के लिए एक आश्रम भी स्थापित किया था। सावित्री बाई फुले ने अपने पति महात्मा ज्योतिराव फुले की समाज सुधार कार्यों में भी अहम भूमिका निभाई थी। वह उनकी सामाजिक उपलब्धियों के प्रशंसकों और समर्थकों में से एक थीं। सावित्री बाई फुले अपनी सामाजिक कार्यों के लिए बहुत सम्मानित थीं और उन्हें भारतीय समाज में महिला उत्थान के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत के रूप में याद किया जाता है।

Mahatma Jyotiba Fule Kaun The | महात्मा ज्योतिबा फूले जी कोन थे

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  महात्मा ज्योतिराव फुले (जिन्हें ज्योतिबा फुले के नाम से भी जाना जाता है) भारत के एक समाज सुधारक और कार्यकर्ता थे, जो 19वीं शताब्दी के दौरान जीवित थे। उनका जन्म 11 अप्रैल, 1827 को भारत के महाराष्ट्र के सतारा जिले में हुआ था और उनकी मृत्यु 28 नवंबर, 1890 को पुणे, भारत में हुई थी।  ज्योतिराव फुले को भारत में महिलाओं और निचली जातियों के लोगों के लिए शिक्षा और सामाजिक समानता को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों के लिए जाना जाता है। उन्होंने लड़कियों के लिए कई स्कूलों की स्थापना की और एक सामाजिक सुधार संगठन सत्यशोधक समाज की भी स्थापना की, जिसने भारतीय समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों को सशक्त बनाने के लिए काम किया।  फुले सामाजिक समानता के विचार के प्रबल पक्षधर थे और उनका मानना था कि हर कोई, चाहे उनकी जाति या लिंग कुछ भी हो, समान अधिकारों और अवसरों का हकदार है। वह भारत में महिला शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी थे और उन्होंने लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने और महिलाओं के खिलाफ भेदभाव को खत्म करने के लिए अथक प्रयास किया।  ज्योतिराव फुले की विरासत भारत और दुनिया भर में समाज सुधारकों और कार्यकर्ताओं को प

डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर कौन थे ? | who is Dr. Babasaheb Ambedkar

 डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर (1891-1956) एक भारतीय न्यायविद्, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे, जिन्हें व्यापक रूप से भारतीय संविधान का जनक माना जाता है। उनका जन्म एक दलित (पहले "अछूत" के रूप में जाना जाता था) परिवार में हुआ था और उन्होंने जीवन भर भेदभाव और सामाजिक बहिष्कार का सामना किया। इन चुनौतियों के बावजूद, अम्बेडकर एक कुशल विद्वान थे, जिन्होंने न्यूयॉर्क शहर में कोलंबिया विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी सहित कई डिग्रियां अर्जित कीं। अपने पूरे करियर के दौरान, अम्बेडकर ने भारत में दलितों और अन्य वंचित समूहों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी, और एक समाज सुधारक और राजनीतिक नेता के रूप में उनके काम का भारतीय समाज पर स्थायी प्रभाव पड़ा है। उन्हें विशेष रूप से भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने में उनकी भूमिका के लिए याद किया जाता है, जिसे उन्होंने जाति या धर्म की परवाह किए बिना सभी भारतीयों के लिए समान अधिकार और अवसर सुनिश्चित करने के साधन के रूप में देखा। संविधान पर अपने काम के अलावा, अम्बेडकर ने हिंदू कोड बिल समेत सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देने के उद्देश्य