पढ़े लिखों ने धोखा दिया है | इसलिए आज मैं रो रहा हूं

 मेरा दुखड़ा किसे मैं सुनाऊं 

लडते लडते भि दुखी हो रहा हूं 

पढ़े लिखों ने धोखा दिया है 

इसलिए आज मैं रो रहा हूं 



घर की खुशियां भी मुकर गई

पहले बच्चे फिर रामू मर गई

पहले बच्चे फिर रामू मर गई.........

क्या मिला मुझे बलिदान देकर

इस वजह से ना मै सो रहा हूं

पढ़े लिखों ने धोखा दिया है 

इसलिए आज मैं रो रहा हूं 



हिस्सा ऊंचाई का सवर्णों को क्यों

दाग अछूती का हम पर ही क्यों

दाग अछूती का हम पर ही क्यों........

हम भी इंसा हैं जानवर नहीं

अछूती का मैं दाग धो रहा हूं

पढ़े लिखों ने धोखा दिया है 

इसलिए आज मैं रो रहा हूं 


कौम मेरी जी जान से पढ़े 

चाहता हूं वो आगे बढेे

चाहता हूं वो आगे बढेे..........

शेर के बच्चे शेर ही रहे

यह अधिकार मैं दे रहा हूं

पढ़े लिखों ने धोखा दिया है 

इसलिए आज मैं रो रहा हूं 



सविधान से ये भारत चले

राहुल जैसे को सब कुछ मिले

राहुल जैसे को सब कुछ मिले..........

इस कलम के जरिए मैं अपने 

न्याय समता के बीज बो रहा हूं

पढ़े लिखों ने धोखा दिया है 

इसलिए आज मैं रो रहा हूं 

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