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बुद्ध धम्म के प्रचारक बुद्ध भिक्षु का कत्लेआम शंकराचार्य ने क्यों और किस लिए किया....

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#बौद्ध_धम्म_के_प्रचारक_बौद्ध_भिक्खुओं_का_कत्लेआम_शंकराचार्य_ने_क्यों_और_किसलिए_किया ? “बुद्ध कालखंड में तथागत बुद्ध जो उपदेश लोगों को दिया करतें थें| उसके बाद वह चर्चा सत्र का आयोजन करतें थें| बुद्ध का उपदेश जिन लोगों को समझ में नहीं आता था , वह लोग तथागत बुद्धा को प्रश्न पुछते थें , और तथागत बुद्ध उनके सभी शंकाओं का समाधान करतें थें| तथागत बुद्ध ने जो परंपरा शुरू की थीं , उस परंपरा को सभी बौद्ध भिक्खुओं ने जीवित रखा| बौद्ध भिक्खुओं के साथ चर्चा सत्र एवं किसी मुद्दों पर बहस करना किसी के बस की बात नहीं थीं| क्योंकि बौद्ध भिक्खुओं के सामने चाहें कितना भी बड़ा पंडित / ज्ञानी , आचार्य व्यक्ति क्यों न हों , वे सभी विद्वानों को परास्त करतें थें|  बौद्ध धम्म और बौद्ध धम्म के प्रचारक भिक्खु यह ज्ञान बांटने वालें लोग थें| वह सत्य की कसौटियों पर खरे उतरने वाले लोग थें| बौद्ध धम्म में लोगों के सभी समस्याओं का समाधान होता था| इसलिए बौद्ध धम्म अखंड जम्बूद्वीप में बढ़ने लगा| इतिहास में बौद्ध भिक्खु ज्ञानी थें , बिल्कुल वैसे ही वर्तमान में भी बौद्ध भिक्खु ज्ञानी हैं| इतिहास में बौद्ध धम्म को रोकने के

पंचशील ही आदर्श जीवन का आधार है

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  *पंचशील ही आदर्श जीवन का आधार है।*          शरीर में जो स्थान हृदय का होता है बुद्धिज्म में पंचशील का वही स्थान है। जैसे बिना धड़कन के शरीर की कोई उपयोगिता नहीं है, वैसे ही पंचशील के बिना बुद्धिजम निष्प्रयोज्य ही साबित होगा। अतः बुद्धिजम में प्राण प्रतिष्ठा की स्थापना और उसे गतिशील बनाने के लिए पंचशील का पालन अति आवश्यक है। पंचशील खुशहाल जीवन का एक ऐसा मन्त्र है जिसका चिन्तन,मनन और आचरण साधारण व्यक्ति को भी आदर्श व प्रभावशाली बना देता है। पंचशील कोई पूजा,आराधना या उपासना नहीं है। यह तो एक आदर्श जीवन जीने की एक आदर्श पद्धति है। इस जीवन शैली को संसार के सभी मनुष्यों पर समान रूप से प्रभाव डालकर एक स्वस्थ व स्वच्छ समाज के निर्माण में पूर्णतया कारगर सिद्ध होगी। आवश्यकता है बस इसे अपनाने की। तथागत बुद्ध के बताए नियम संसार के सभी मनुष्यों पर समान रूप से प्रभावी हैं। अपने इन्हीं नियमों की वजह से बुद्धिजम विश्वव्यापी धम्म और बुद्ध विश्व गुरू के रूप में जाने जाते है। पंचशील का पालन करके सभी व्यक्ति सांसारिक बाधाओं से मुक्ति पाकर अपने जीवन को सुखी तथा समृद्ध बना सकते हैं। पंचशील मार्ग - १ - पाण

The highest statue of Lord Buddha in the world

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  The highest statue of Lord Buddha in the world is currently the Spring Temple Buddha statue in China. The Spring Temple Buddha statue stands at a height of 153 meters (502 feet) and is located in the Henan province of China. It was completed in 2008 and is made of copper and steel. The statue depicts Vairocana Buddha and is a major pilgrimage destination for Buddhists from around the world.

रमाई बोले ती, बोल इंदू एकदा | ramai Song

 जीव घेण्या यातनांना साहू मी कशी जाताना बाळा तुला पाहू मी कशी या काळाने केला मजवर पुन्हा घात ..... होती ग यातना, मला ग वेदना रमाई बोले ती, बोल इंदू एकदा होती ग यातना, मला ग वेदना रमाई बोले ती, बोल इंदू एकदा बळा तुझे गेले बाबा, परदेशी आणि आली संकटे ही एकामागे एक ग मिटवू नकोस डोळे, रडूनी रमाई बोले डोळे इंदू एकदा तू खोल ग तोडूनी काळजा, घोटूनी आसवा रमाई बोले ती, बोल इंदू एकदा होती ग यातना, मला ग वेदना रमाई बोले ती, बोल इंदू एकदा भीमसैनिकांनो आता, आठवा त्या यातनांना तुम्हासाठी साहिले रमाईने  कोटी कोटी लेकरांच्या, साठी स्वतःला इथे संपताना पाहिले रमाईने करितो विनंती हा, प्रणय भाऊ रे पुन्हा रमाई बोले ती, बोल इंदू एकदा होती ग यातना, मला ग वेदना रमाई बोले ती, बोल इंदू एकदा
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  जशी काय सोन्याची सकाळ व अशी रमाई माही माय व ...... रमाई गोरी गोरी पान व भिमाची सोन्याची खान व दीपवल तीन हे अभाय व अशी रमाई माही माय व ..... सोडवण्या संसाराची कोडी भरलेली संसाराची गाडी ओढली गाडी ती ओढाय व  अशी रमाई माही माय व ..... तीन आम्हाले माया लावली उन्हात झाली मोठी सावली नवा कोटी वासरांची गाय व अशी रमाई माही माय व ..... बंद्यायले आधी जेऊ घातल सर काही उरल नाही त्यातलं तशीच भुकेने झोपी जाय व अशी रमाई माही माय व ...... प्रताप सिंगान हे मानलं भिमाचं दुःख तीन जाणंल भिमाच्या दुःखाचा उपाय व अशी रमाई माही माय व ......

पढ़े लिखों ने धोखा दिया है | इसलिए आज मैं रो रहा हूं

 मेरा दुखड़ा किसे मैं सुनाऊं  लडते लडते भि दुखी हो रहा हूं  पढ़े लिखों ने धोखा दिया है  इसलिए आज मैं रो रहा हूं  घर की खुशियां भी मुकर गई पहले बच्चे फिर रामू मर गई पहले बच्चे फिर रामू मर गई......... क्या मिला मुझे बलिदान देकर इस वजह से ना मै सो रहा हूं पढ़े लिखों ने धोखा दिया है  इसलिए आज मैं रो रहा हूं  हिस्सा ऊंचाई का सवर्णों को क्यों दाग अछूती का हम पर ही क्यों दाग अछूती का हम पर ही क्यों........ हम भी इंसा हैं जानवर नहीं अछूती का मैं दाग धो रहा हूं पढ़े लिखों ने धोखा दिया है  इसलिए आज मैं रो रहा हूं  कौम मेरी जी जान से पढ़े  चाहता हूं वो आगे बढेे चाहता हूं वो आगे बढेे.......... शेर के बच्चे शेर ही रहे यह अधिकार मैं दे रहा हूं पढ़े लिखों ने धोखा दिया है  इसलिए आज मैं रो रहा हूं  सविधान से ये भारत चले राहुल जैसे को सब कुछ मिले राहुल जैसे को सब कुछ मिले.......... इस कलम के जरिए मैं अपने  न्याय समता के बीज बो रहा हूं पढ़े लिखों ने धोखा दिया है  इसलिए आज मैं रो रहा हूं 

भारत का संविधान है | Bharat ka savidhan hain |

गीत : भारत का संविधान है सौजन्य : सुशील जोगेकर स्वतंत्रता को बल देता है  समता न्याय का फल देता हैँ  स्वतंत्रता को बल देता है  समता न्याय का फल देता हैँ  जिसकी बदौलत भारत देश को मिला यहा सम्मान है  भारत का संविधान है भारत का संविधान है भारत का संविधान है भारत का संविधान है स्वतंत्रता को बल देता है  समता न्याय का फल देता हैँ  जिसकी बदौलत भारत देश को मिला यहा सम्मान है  भारत का संविधान है भारत का संविधान है भारत का संविधान है भारत का संविधान है ====¶ संगीत ¶==== ¶ सौजन्य : सुशील जोगेकर ¶ जो भी यहां पैदा होता है भारत मां का लाल है सविधान में इन बातों का रखा देखो खयाल है - 2 कोई मरे ना भूख प्यास से इसका प्रावधान है भारत का संविधान है भारत का संविधान है भारत का संविधान है भारत का संविधान है ====¶ संगीत ¶==== ¶ सौजन्य : सुशील जोगेकर ¶ शिक्षा मिले यहां सब बच्चों को यह उनका अधिकार है मूलभूत अधिकारों का भी संविधान हीं आधार हैँ - 2 जात धर्म का भेद नहीं है सबको न्याय समान है भारत का संविधान है भारत का संविधान है भारत का संविधान है भारत का संविधान है ====¶ संगीत ¶==== ¶ सौजन्य : सुशील जोगेकर ¶ इसके