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करुया वंदना भीमाला ,भीमाला । Karuya Vandana Bhimala | #bhimgeet

माणूस करुण गेला तु या मानवाला  करुया वंदना भीमाला ,भीमाला करुया वंदना भीमाला माणूस करुण गेला तु या मानवाला -२ करुया वंदना भीमाला ,भीमाला करुया वंदना भीमाला...................... ---------------------------------------0 महुचा तारा लख़लख़नारा माय पित्याचा दीधला उभारा  पूजनेको तो पाव बहुत , मगर गौतम जैसे पाव नहीं  दुनिया मे तो गाँव बहुत हैँ , मगर महु के जैसा गाँव नहीं  महुचा तारा लख़लख़नारा माय पित्याचा दीधला उभारा  चिंता जनाची तु करणारा कोटी जनाचा तूच किनारा माय पित्याच्या परी पुसले आसवाला -२ करुया वंदना भीमाला ,भीमाला........ ------------------------------------------- निसर्गाची ती दान मिळाली भारत भु ला खान मिळाली विद्ववत्ता ती बहाल मिळाली लिहिली घटना जान मिळाली मजबूत करुण गेला तो भारताला -२ करुया वंदना भीमाला ,भीमाला............... ------------------------------------------ नागपुराचे स्थान मिळाले  तथागताचे ध्यान मिळाले हा जख्मी देह ............. नागपुराचे स्थान मिळाले  तथागताचे ध्यान मिळाले नीळे नीळे ते निशान मिळाले  दारी पिम्पळाचे पान मिळाले अर्थ आला या सुशिल जीवनाला करुया वंदना भीमाला ,भ

Who is Ramabai Ambedkar | रमाबाई अम्बेडकर कौन थे

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  रमाबाई अम्बेडकर डॉ. भीमराव अम्बेडकर की पत्नी थीं। वह एक समाज सुधार विद्वान और एक महिला अधिकार वकील भी थीं। रामाबाई जी ने अपने जीवन के दौरान महिला शिक्षा, महिला उत्थान और महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई। रमाबाई जी ने भारतीय समाज में महिलाओं के शिक्षा को प्रोत्साहित किया और अपने जीवन के अंतिम दिनों तक महिलाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए लड़ाई लड़ती रहीं। उन्होंने अपने जीवन के दौरान एक शिक्षा संस्थान भी स्थापित किया, जो महिलाओं के लिए था। रमाबाई जी ने अपनी जीवन में भीमराव अम्बेडकर के साथ कई समाज सुधार कार्यों में भी हिस्सा लिया था। वे एक ऐसी महिला थीं जिन्होंने अपनी लड़ाई से महिलाओं के अधिकारों को समझदारी से संघर्ष के माध्यम से हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

सावित्री बाई फुले कौन थे और उनकी भूमिका क्या थी । savitri bai fule koun thi | who is savitri bai fule

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  सावित्री बाई फुले महाराष्ट्र, भारत की समाज सुधार विद्वान और सामाजिक कार्यकर्ता थीं। वह महात्मा ज्योतिराव फुले की पत्नी थीं और साथ ही सामाजिक उपदेशक के रूप में भी जानी जाती थीं। सावित्री बाई फुले ने भारतीय समाज में महिलाओं के उत्थान और समानता के लिए कई पहल की थीं। उन्होंने महिलाओं के शिक्षा को प्रोत्साहित किया और एक शिक्षा संस्थान खोला, जिसका नाम है 'हिंदूस्तानी लादीज फर्स्ट गर्ल्स स्कूल'। इसके अलावा उन्होंने विधवाओं और असहाय महिलाओं के लिए एक आश्रम भी स्थापित किया था। सावित्री बाई फुले ने अपने पति महात्मा ज्योतिराव फुले की समाज सुधार कार्यों में भी अहम भूमिका निभाई थी। वह उनकी सामाजिक उपलब्धियों के प्रशंसकों और समर्थकों में से एक थीं। सावित्री बाई फुले अपनी सामाजिक कार्यों के लिए बहुत सम्मानित थीं और उन्हें भारतीय समाज में महिला उत्थान के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत के रूप में याद किया जाता है।

Mahatma Jyotiba Fule Kaun The | महात्मा ज्योतिबा फूले जी कोन थे

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  महात्मा ज्योतिराव फुले (जिन्हें ज्योतिबा फुले के नाम से भी जाना जाता है) भारत के एक समाज सुधारक और कार्यकर्ता थे, जो 19वीं शताब्दी के दौरान जीवित थे। उनका जन्म 11 अप्रैल, 1827 को भारत के महाराष्ट्र के सतारा जिले में हुआ था और उनकी मृत्यु 28 नवंबर, 1890 को पुणे, भारत में हुई थी।  ज्योतिराव फुले को भारत में महिलाओं और निचली जातियों के लोगों के लिए शिक्षा और सामाजिक समानता को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों के लिए जाना जाता है। उन्होंने लड़कियों के लिए कई स्कूलों की स्थापना की और एक सामाजिक सुधार संगठन सत्यशोधक समाज की भी स्थापना की, जिसने भारतीय समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों को सशक्त बनाने के लिए काम किया।  फुले सामाजिक समानता के विचार के प्रबल पक्षधर थे और उनका मानना था कि हर कोई, चाहे उनकी जाति या लिंग कुछ भी हो, समान अधिकारों और अवसरों का हकदार है। वह भारत में महिला शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी थे और उन्होंने लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने और महिलाओं के खिलाफ भेदभाव को खत्म करने के लिए अथक प्रयास किया।  ज्योतिराव फुले की विरासत भारत और दुनिया भर में समाज सुधारकों और कार्यकर्ताओं को प

डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर कौन थे ? | who is Dr. Babasaheb Ambedkar

 डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर (1891-1956) एक भारतीय न्यायविद्, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे, जिन्हें व्यापक रूप से भारतीय संविधान का जनक माना जाता है। उनका जन्म एक दलित (पहले "अछूत" के रूप में जाना जाता था) परिवार में हुआ था और उन्होंने जीवन भर भेदभाव और सामाजिक बहिष्कार का सामना किया। इन चुनौतियों के बावजूद, अम्बेडकर एक कुशल विद्वान थे, जिन्होंने न्यूयॉर्क शहर में कोलंबिया विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी सहित कई डिग्रियां अर्जित कीं। अपने पूरे करियर के दौरान, अम्बेडकर ने भारत में दलितों और अन्य वंचित समूहों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी, और एक समाज सुधारक और राजनीतिक नेता के रूप में उनके काम का भारतीय समाज पर स्थायी प्रभाव पड़ा है। उन्हें विशेष रूप से भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने में उनकी भूमिका के लिए याद किया जाता है, जिसे उन्होंने जाति या धर्म की परवाह किए बिना सभी भारतीयों के लिए समान अधिकार और अवसर सुनिश्चित करने के साधन के रूप में देखा। संविधान पर अपने काम के अलावा, अम्बेडकर ने हिंदू कोड बिल समेत सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देने के उद्देश्य

जय भीम वाले हैं सुनोजी हम जय भीम वाले हैं | jai bhim waale hain sunoji | Lyrics

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                                                  Sushil Jogekar Lyrics Jai Bhim Wale Hai Hum JAi bhim Wale  hain  jai bhim waale hain sunoji hum jai bhim wale hain Hum tairak hai, darya ka kinara nahi chahte hum sher hai kisi ka mara huwa nahi khate Jung me kagdi afrad , nahi manga karte-2 jai bhim wale kabhi tadad , nahi manga karte sar pe bandh ke nila kafan, ladhate hai hakka ke liye sher kutto se kabhi , daad nahi manga karte  Aire gaire ki na tadat jayegi ,  dusham se bhidne bataliyan faulad jayegi apane watan ke khatir sarhad pe ye manoj raja  sar katane ye ambedkar ki aulad jayegi Wafadri pe hamare iljaam aaye hai-2 dushamno ki chalo se subha sham aaye hai imandari humare khoon me sadiyo palti hai-2 jab bhi pada mushkil me watan to,  hum kaam aaye hai Achhe to achhe dil ke sachhe , duniyase nirale hai jai bhim wale hai, sunoji hum jaibhim wale hai..........//$// Angaro se gujare hai hum, tufan se ubhare hai hum bhimj

ये पढ़े बाबासाहेब अम्बेडकर कौन थे

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एक नजर बोधिसत्व बाबासाहब डॉ भीमराव अंबेडकर... 1. भारत के सबसे पढे व्यक्ति 2. सबसे ज्यादा किताब लिखने वाले 3. सबसे तेज स्पीड से ज्यादा टाईप करने वाले 4. सबसे ज्यादा शब्द टाईप करने वाले 5. सबसे ज्यादा आंदोलन करें 6. महिला अधिकार के लिए संसद में इस्तीफा देने वाले 7. दलित, पिछडो के हको को दिलाने वाले 8. हिन्दू धर्म के ग्रन्थ मनुस्मर्ति को चोराहे पर जलाने वाले 9. जातिवाद को समाप्त करने के लिए पंडतानि से sadi करने वाले 10. गरीब मज़लूमो के हको के लिए 4 बच्चे कुर्बान करने वाले 11. 2 लाख किताबो को पढ़कर याद रखने वाले 12. भारत का सविधान लिखा 13. पूना पैक्ट लिखा 14. मूक नायक पत्रिका निकाली 15. बहिस्किरत समाचार पत्र निकाला 16. सबसे तेज लिखने वाले 17. दोनों हाथो से लिखने वाले 18. ग़ांधी को जीवन दान देने वाले 19. सबसे काबिल बैरिस्टर 20. मुम्बई के सेठ के बेटे को फर्जी मुक़दमे से बरी कराने वाले 21. योग करने वाले 22. सबसे ईमानदार 23. 18 से 20 घंटे पढ़ने वाले 24. सरदार पटेल को obc का मतलब समझने वाले 25. स्कूल के बहार बैठकर और अपमान सहकर उच्च शिक्षा पाने वाले 25. हम सबकी भ