बुद्ध धम्म के प्रचारक बुद्ध भिक्षु का कत्लेआम शंकराचार्य ने क्यों और किस लिए किया....
#बौद्ध_धम्म_के_प्रचारक_बौद्ध_भिक्खुओं_का_कत्लेआम_शंकराचार्य_ने_क्यों_और_किसलिए_किया ? “बुद्ध कालखंड में तथागत बुद्ध जो उपदेश लोगों को दिया करतें थें| उसके बाद वह चर्चा सत्र का आयोजन करतें थें| बुद्ध का उपदेश जिन लोगों को समझ में नहीं आता था , वह लोग तथागत बुद्धा को प्रश्न पुछते थें , और तथागत बुद्ध उनके सभी शंकाओं का समाधान करतें थें| तथागत बुद्ध ने जो परंपरा शुरू की थीं , उस परंपरा को सभी बौद्ध भिक्खुओं ने जीवित रखा| बौद्ध भिक्खुओं के साथ चर्चा सत्र एवं किसी मुद्दों पर बहस करना किसी के बस की बात नहीं थीं| क्योंकि बौद्ध भिक्खुओं के सामने चाहें कितना भी बड़ा पंडित / ज्ञानी , आचार्य व्यक्ति क्यों न हों , वे सभी विद्वानों को परास्त करतें थें| बौद्ध धम्म और बौद्ध धम्म के प्रचारक भिक्खु यह ज्ञान बांटने वालें लोग थें| वह सत्य की कसौटियों पर खरे उतरने वाले लोग थें| बौद्ध धम्म में लोगों के सभी समस्याओं का समाधान होता था| इसलिए बौद्ध धम्म अखंड जम्बूद्वीप में बढ़ने लगा| इतिहास में बौद्ध भिक्खु ज्ञानी थें , बिल्कुल वैसे ही वर्तमान में भी बौद्ध भिक्खु ज्ञानी हैं| इतिहास में बौद्ध धम्म को रोकने के